दया शंकर
Jan 17, 1954
16:14:40
Karhal
78 E 56
27 N 0
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
दया शंकर एक रहस्यमय व्यक्तित्व के स्वामी हैं। दया शंकर अपने दया शंकर को जानने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। दया शंकर अपने साधारण स्वभाव से पूर्णतः विपरीत व्यवहार करने की क्षमता रखते हैं।दया शंकर के अन्दर एक अद्भुत आकर्षण-शक्ति है और इसका प्रयोग दया शंकर अच्छे या बुरे, दोनों तरह के कामों के लिये कर सकते हैं। दया शंकर इसे कैसे करते हैं यह पूर्णतः दया शंकर की इच्छा पर निर्भर करता है। भाग्यवश दया शंकर स्वयं को अच्छा करने के लिये नियंत्रित कर सकते हैं और परिणामस्वरूप दया शंकर की इस आकर्षण शक्ति का दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।दया शंकर व्यापक दिलोदिमाग के व्यक्ति हैं। दया शंकर दूसरों की मदद करने के लिये सदैव तत्पर रहते हैं। दया शंकर खुशहाली की महत्ता को समझते हैं और उसे प्राप्त करना भी जानते हैं परन्तु दया शंकर दूसरों की कीमत पर खुशहाली कभी भी प्राप्त नहीं करते हैं। निश्चय ही दया शंकर दूसरों की खुशी को प्राथमिकता देते हैं।दया शंकर एक सहानुभूतिपूर्ण, परिश्रमी, उदार एवं दोस्ताना मिजाज व्यक्ति हैं लेकिन दया शंकर शीध्र ही क्रोधित हो जाते हैं। जब दया शंकर क्रुद्ध होते हैं तो दया शंकर पूर्णतः आत्मनियंत्रण खो देते हैं और ऐसे काम कर बैठते हैं जिसके लिये बाद में दया शंकर को पछताना पड़ता है। अतः दया शंकर को स्वयं पर बेहतर नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिये।
दया शंकर आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि दया शंकर में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। दया शंकर बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। दया शंकर ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि दया शंकर को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही दया शंकर के सुख का प्रमुख कारण भी है।दया शंकर अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर दया शंकर की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो दया शंकर को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। दया शंकर को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि दया शंकर विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर दया शंकर बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। दया शंकर को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण दया शंकर की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि दया शंकर की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां दया शंकर के विपरीत होंगी और दया शंकर को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए दया शंकर को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
दया शंकर अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अन्तर्मुखी हैं। यदि दया शंकर को बहुत से लोगों के समूह के सम्मुख जाना पड़े, तो दया शंकर ‘स्टेज फोबिया’ से ग्रसित हो जाते हैं। दया शंकर सबसे अधिक प्रेरित एकान्त में, इच्छानुसार कार्य अपनी गति से करने में होते हैं।