गोपी कृष्ण
Aug 22, 1935
10:6:24
Calcutta
88 E 24
22 N 33
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
Gopi Krishna क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। Gopi Krishna हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। Gopi Krishna के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव Gopi Krishna के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल Gopi Krishna अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। Gopi Krishna के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।Gopi Krishna मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। Gopi Krishna नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। Gopi Krishna संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि Gopi Krishna ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। Gopi Krishna अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ Gopi Krishna का व्यवहार Gopi Krishna की सबसे बड़ी कमजोरी है। Gopi Krishna अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग Gopi Krishna की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, Gopi Krishna उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। Gopi Krishna को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे Gopi Krishna प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण Gopi Krishna अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। Gopi Krishna व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में Gopi Krishna ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और Gopi Krishna को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।Gopi Krishna के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से Gopi Krishna किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि Gopi Krishna उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी Gopi Krishna को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। Gopi Krishna अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना Gopi Krishna को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर Gopi Krishna अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है Gopi Krishna को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से Gopi Krishna की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण Gopi Krishna अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार Gopi Krishna को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना Gopi Krishna उम्मीद करते हैं, लेकिन Gopi Krishna के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही Gopi Krishna को जीवन में सफल बनाएगी।
Gopi Krishna अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Gopi Krishna को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Gopi Krishna उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Gopi Krishna का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Gopi Krishna के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।