गोपी कृष्ण
Aug 22, 1935
10:6:24
Calcutta
88 E 24
22 N 33
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
गोपी कृष्ण के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः गोपी कृष्ण विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, गोपी कृष्ण प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस गोपी कृष्ण के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति गोपी कृष्ण का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार गोपी कृष्ण विवाह बन्धन में बंध गये, तो गोपी कृष्ण इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
गोपी कृष्ण को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। गोपी कृष्ण को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही गोपी कृष्ण के लिये ठीक नहीं हैं। गोपी कृष्ण सूर्य से बचें, विशेषतः यदि गोपी कृष्ण को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण गोपी कृष्ण के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में गोपी कृष्ण को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह गोपी कृष्ण के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि गोपी कृष्ण समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय गोपी कृष्ण अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण गोपी कृष्ण की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही गोपी कृष्ण अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
यात्रा गोपी कृष्ण के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि गोपी कृष्ण के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।गोपी कृष्ण को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि गोपी कृष्ण को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।