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नारायण दत्त श्रीमली के बारे में / नारायण दत्त श्रीमली की जीवनी

नारायण दत्त श्रीमाली Horoscope and Astrology
नाम:

नारायण दत्त श्रीमाली

जन्म तिथि:

Apr 22, 1935

जन्म समय:

10:00:00

जन्म स्थान:

Rajasthan

रेखांश:

75 E 50

अक्षांश:

26 N 53

टाइम ज़ोन:

5.5

सूचना स्रोत:

Lagna Phal (Garg)

एस्ट्रोसेज रेटिंग:

संदर्भ (स.)


नारायण दत्त श्रीमली के बारे में/ नारायण दत्त श्रीमली कौन हैं?

Dr. Narayan Dutt Shrimali was an academian and astrologer. He has written over 300 books on various topics.

नारायण दत्त श्रीमली का जन्म किस साल में हुआ था?

साल 1935

नारायण दत्त श्रीमली की जन्म तिथि क्या है?

उनकी जन्म तिथि Monday, April 22, 1935 है।

नारायण दत्त श्रीमली का जन्म कहाँ हुआ था?

Rajasthan

नारायण दत्त श्रीमली की उम्र कितनी है?

नारायण दत्त श्रीमली की उम्र 90 वर्ष है।

नारायण दत्त श्रीमली का जन्म कब हुआ था?

Monday, April 22, 1935

नारायण दत्त श्रीमली की राष्ट्रीयता क्या है?

यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।

नारायण दत्त श्रीमली का चरित्र राशिफल

नारायण दत्त श्रीमली क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। नारायण दत्त श्रीमली हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। नारायण दत्त श्रीमली के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव नारायण दत्त श्रीमली के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल नारायण दत्त श्रीमली अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। नारायण दत्त श्रीमली के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।नारायण दत्त श्रीमली मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। नारायण दत्त श्रीमली नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। नारायण दत्त श्रीमली संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि नारायण दत्त श्रीमली ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। नारायण दत्त श्रीमली अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ नारायण दत्त श्रीमली का व्यवहार नारायण दत्त श्रीमली की सबसे बड़ी कमजोरी है। नारायण दत्त श्रीमली अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग नारायण दत्त श्रीमली की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, नारायण दत्त श्रीमली उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। नारायण दत्त श्रीमली को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे नारायण दत्त श्रीमली प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।

नारायण दत्त श्रीमली का सौभाग्य व संतुष्टि राशिफल

कम समय में अधिक की लालसा के कारण नारायण दत्त श्रीमली अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। नारायण दत्त श्रीमली व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में नारायण दत्त श्रीमली ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और नारायण दत्त श्रीमली को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।नारायण दत्त श्रीमली के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से नारायण दत्त श्रीमली किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि नारायण दत्त श्रीमली उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी नारायण दत्त श्रीमली को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। नारायण दत्त श्रीमली अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना नारायण दत्त श्रीमली को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर नारायण दत्त श्रीमली अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है नारायण दत्त श्रीमली को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से नारायण दत्त श्रीमली की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण नारायण दत्त श्रीमली अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार नारायण दत्त श्रीमली को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना नारायण दत्त श्रीमली उम्मीद करते हैं, लेकिन नारायण दत्त श्रीमली के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही नारायण दत्त श्रीमली को जीवन में सफल बनाएगी।

नारायण दत्त श्रीमली का जीवन शैली राशिफल

नारायण दत्त श्रीमली की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि नारायण दत्त श्रीमली को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु नारायण दत्त श्रीमली का ऐसा सोचना सही नहीे है, नारायण दत्त श्रीमली उस दिशा में तभी जाएं यदि नारायण दत्त श्रीमली को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।

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