नारायण दत्त श्रीमाली
Apr 22, 1935
10:00:00
Rajasthan
75 E 50
26 N 53
5.5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
नारायण दत्त श्रीमाली कार्यालय की राजनीति से दूर रहना पसन्द करते हैं और पद के लिये लड़ना नारायण दत्त श्रीमाली को पसन्द नहीं है। ऐसी स्थितियां ढूंढें जहां नारायण दत्त श्रीमाली अकेले एवं अपनी पसन्द का कार्य अपनी गति से कर सकें। जैसे लेखन, चित्रकारी और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग इत्यादि।
नारायण दत्त श्रीमाली जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो नारायण दत्त श्रीमाली बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः नारायण दत्त श्रीमाली को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। नारायण दत्त श्रीमाली को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें नारायण दत्त श्रीमाली को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि नारायण दत्त श्रीमाली स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र नारायण दत्त श्रीमाली को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें नारायण दत्त श्रीमाली को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो नारायण दत्त श्रीमाली के अनुकूल भी है। नारायण दत्त श्रीमाली के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि नारायण दत्त श्रीमाली को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय नारायण दत्त श्रीमाली नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
वित्त सम्बन्धी मामलों में नारायण दत्त श्रीमाली अपने भाग्य के स्वयं निर्माता होंगे। नारायण दत्त श्रीमाली को अपने कार्य में सफलता हमेशा ही समय से पहले प्राप्त होगी। नारायण दत्त श्रीमाली वित्त के मामले में अत्यन्त भाग्यशाली होंगे और नारायण दत्त श्रीमाली को सदैव ही धन एवं पद की प्राप्ति होगी, परन्तु नारायण दत्त श्रीमाली इन सबसे कभी भी संतुष्ट नहीं होंगे। नारायण दत्त श्रीमाली सदैव ही वह इच्छा रखते हैं जो नारायण दत्त श्रीमाली के साधनों के परे है। नारायण दत्त श्रीमाली आर्थिक मामलों में काफी उदार हैं और अपने कोष से अच्छे संस्थान एवं परिजनों को काफी धन देते हैं।