पी के नायर
Apr 6, 1933
12:0:0
Thiruvananthapuram
76 E 55
8 N 29
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
P. K. Nair एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, P. K. Nair की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। P. K. Nair अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण P. K. Nair में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण P. K. Nair जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।P. K. Nair संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि P. K. Nair को पता लगे कि P. K. Nair का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो P. K. Nair तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।P. K. Nair के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि P. K. Nair के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। P. K. Nair के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि P. K. Nair सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु P. K. Nair अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः P. K. Nair को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। P. K. Nair को यह मानकर चलना चाहिए कि P. K. Nair को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।P. K. Nair वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। P. K. Nair सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। P. K. Nair के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह P. K. Nair को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन P. K. Nair को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
P. K. Nair को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और P. K. Nair को अधिक की उम्मीद रहती है। P. K. Nair के इतने परेशान रहने के कारण P. K. Nair को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। P. K. Nair बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में P. K. Nair परेशानी महसूस करते हैं। यदि P. K. Nair अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।P. K. Nair एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना P. K. Nair को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव P. K. Nair की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण P. K. Nair की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही P. K. Nair शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। P. K. Nair के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और P. K. Nair की कल्पनाशीलता P. K. Nair को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि P. K. Nair को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब P. K. Nair अध्ययन करने बैठें तो P. K. Nair को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और P. K. Nair की स्मरण शक्ति भी P. K. Nair की मदद करे। यदि P. K. Nair मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, P. K. Nair अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
P. K. Nair को ऐसा लगता है कि जब P. K. Nair के पास धन और भौतिक ऐश्वर्य होगा तभी लोग P. K. Nair का सम्मान करेंगे। किन्तु यह सत्य नहीं है, अतः P. K. Nair वही कार्य करें जो P. K. Nair करना चाहते हैं।