Pran
Feb 21, 1920
13:00:00
Delhi
77 E 13
28 N 40
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
Pran के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। Pran एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। Pran काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग Pran के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे Pran के अच्छे मित्र होते हैं।Pran उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब Pran इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो Pran इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये Pran समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, Pran जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि Pran के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।Pran जनता के समक्ष अपने Pran को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने Pran को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण Pran के अनेक मित्र हैं और Pran उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। Pran के ऊपर Pran के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि Pran बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।Pran की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि Pran बहुआयामी हैं, जिस कारणवश Pran की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे Pran को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
Pran वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Pran से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Pran की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Pran को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Pran की सहायता करती है। Pran के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Pran लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Pran स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Pran की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Pran का ज्ञान और Pran की शिक्षा। चाहे Pran अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Pran की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Pran को सबसे अलग रखेगी। Pran को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Pran अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Pran के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Pran को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Pran की भूख Pran को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Pran की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Pran अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Pran की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Pran स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो Pran कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि Pran मंचपर हों तो Pran अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।