सरवनजीत सिंह
Jul 3, 1988
12:00:00
Ludhiana
75 E 52
30 N 56
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
सरवनजीत सिंह एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, सरवनजीत सिंह की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। सरवनजीत सिंह अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण सरवनजीत सिंह में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण सरवनजीत सिंह जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।सरवनजीत सिंह संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि सरवनजीत सिंह को पता लगे कि सरवनजीत सिंह का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो सरवनजीत सिंह तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।सरवनजीत सिंह के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि सरवनजीत सिंह के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। सरवनजीत सिंह के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि सरवनजीत सिंह सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु सरवनजीत सिंह अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः सरवनजीत सिंह को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। सरवनजीत सिंह को यह मानकर चलना चाहिए कि सरवनजीत सिंह को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।सरवनजीत सिंह वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। सरवनजीत सिंह सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। सरवनजीत सिंह के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह सरवनजीत सिंह को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन सरवनजीत सिंह को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
सरवनजीत सिंह वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् सरवनजीत सिंह से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। सरवनजीत सिंह की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता सरवनजीत सिंह को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में सरवनजीत सिंह की सहायता करती है। सरवनजीत सिंह के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।सरवनजीत सिंह लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। सरवनजीत सिंह स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में सरवनजीत सिंह की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी सरवनजीत सिंह का ज्ञान और सरवनजीत सिंह की शिक्षा। चाहे सरवनजीत सिंह अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना सरवनजीत सिंह की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही सरवनजीत सिंह को सबसे अलग रखेगी। सरवनजीत सिंह को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप सरवनजीत सिंह अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। सरवनजीत सिंह के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। सरवनजीत सिंह को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति सरवनजीत सिंह की भूख सरवनजीत सिंह को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से सरवनजीत सिंह की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी सरवनजीत सिंह अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से सरवनजीत सिंह की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
सरवनजीत सिंह की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि सरवनजीत सिंह को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु सरवनजीत सिंह का ऐसा सोचना सही नहीे है, सरवनजीत सिंह उस दिशा में तभी जाएं यदि सरवनजीत सिंह को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।