सौरभ शुक्ला
Mar 5, 1963
12:0:30
Gorakhpur
83 E 23
26 N 45
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
सौरभ शुक्ला के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। सौरभ शुक्ला एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। सौरभ शुक्ला काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग सौरभ शुक्ला के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे सौरभ शुक्ला के अच्छे मित्र होते हैं।सौरभ शुक्ला उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब सौरभ शुक्ला इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो सौरभ शुक्ला इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये सौरभ शुक्ला समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, सौरभ शुक्ला जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि सौरभ शुक्ला के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।सौरभ शुक्ला जनता के समक्ष अपने सौरभ शुक्ला को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने सौरभ शुक्ला को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण सौरभ शुक्ला के अनेक मित्र हैं और सौरभ शुक्ला उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। सौरभ शुक्ला के ऊपर सौरभ शुक्ला के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि सौरभ शुक्ला बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।सौरभ शुक्ला की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि सौरभ शुक्ला बहुआयामी हैं, जिस कारणवश सौरभ शुक्ला की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे सौरभ शुक्ला को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
सौरभ शुक्ला वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् सौरभ शुक्ला से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। सौरभ शुक्ला की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता सौरभ शुक्ला को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में सौरभ शुक्ला की सहायता करती है। सौरभ शुक्ला के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।सौरभ शुक्ला लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। सौरभ शुक्ला स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में सौरभ शुक्ला की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी सौरभ शुक्ला का ज्ञान और सौरभ शुक्ला की शिक्षा। चाहे सौरभ शुक्ला अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना सौरभ शुक्ला की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही सौरभ शुक्ला को सबसे अलग रखेगी। सौरभ शुक्ला को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप सौरभ शुक्ला अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। सौरभ शुक्ला के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। सौरभ शुक्ला को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति सौरभ शुक्ला की भूख सौरभ शुक्ला को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से सौरभ शुक्ला की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी सौरभ शुक्ला अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से सौरभ शुक्ला की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
सौरभ शुक्ला अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अन्तर्मुखी हैं। यदि सौरभ शुक्ला को बहुत से लोगों के समूह के सम्मुख जाना पड़े, तो सौरभ शुक्ला ‘स्टेज फोबिया’ से ग्रसित हो जाते हैं। सौरभ शुक्ला सबसे अधिक प्रेरित एकान्त में, इच्छानुसार कार्य अपनी गति से करने में होते हैं।