सौरभ शुक्ला
Mar 5, 1963
12:0:30
Gorakhpur
83 E 23
26 N 45
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक सौरभ शुक्ला जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। सौरभ शुक्ला प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि सौरभ शुक्ला ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो सौरभ शुक्ला अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, सौरभ शुक्ला उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
सौरभ शुक्ला के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, सौरभ शुक्ला स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर सौरभ शुक्ला जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र सौरभ शुक्ला के शरीर का ऐसा भाग है, जो सौरभ शुक्ला को सर्वाधिक परेशानी देगा। सौरभ शुक्ला को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। सौरभ शुक्ला को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी सौरभ शुक्ला को यह सलाह है कि सौरभ शुक्ला पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। सौरभ शुक्ला की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण सौरभ शुक्ला जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगरसौरभ शुक्ला युवा-मण्डली में रहते हैं, तो सौरभ शुक्ला कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
सौरभ शुक्ला की अभिरुचियां एवं समय काटने के साधन थकावट भरे हैं। क्रिकेट, फुटबाॅल और टेनिस आदि सौरभ शुक्ला के पसन्द के खेल हैं। सौरभ शुक्ला पूरे दिन कठोर परिश्रम करते हैं और शाम को टेनिस, गोल्फ, बैडमिण्टन जैसे खेल खेलते हैं। सौरभ शुक्ला की एथलेटिक खेलों में भाग लेने में विशेष रुचि है। सम्भवतः सौरभ शुक्ला ने खेलों में कई पुरुस्कार जीते होंगे। जहां तक कि खेलों का प्रश्न है,सौरभ शुक्ला की जीवन-ऊर्जा आश्चर्यजनक है।