शाहिद बलवा
Jan 1, 1974
12:0:0
Gujarat
72 E 40
23 N 3
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
शाहिद बलवा एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, शाहिद बलवा की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। शाहिद बलवा अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण शाहिद बलवा में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण शाहिद बलवा जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।शाहिद बलवा संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि शाहिद बलवा को पता लगे कि शाहिद बलवा का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो शाहिद बलवा तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।शाहिद बलवा के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि शाहिद बलवा के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। शाहिद बलवा के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि शाहिद बलवा सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु शाहिद बलवा अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः शाहिद बलवा को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। शाहिद बलवा को यह मानकर चलना चाहिए कि शाहिद बलवा को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।शाहिद बलवा वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। शाहिद बलवा सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। शाहिद बलवा के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह शाहिद बलवा को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन शाहिद बलवा को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
शाहिद बलवा को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और शाहिद बलवा को अधिक की उम्मीद रहती है। शाहिद बलवा के इतने परेशान रहने के कारण शाहिद बलवा को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। शाहिद बलवा बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में शाहिद बलवा परेशानी महसूस करते हैं। यदि शाहिद बलवा अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।शाहिद बलवा एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना शाहिद बलवा को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव शाहिद बलवा की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण शाहिद बलवा की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही शाहिद बलवा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। शाहिद बलवा के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और शाहिद बलवा की कल्पनाशीलता शाहिद बलवा को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि शाहिद बलवा को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब शाहिद बलवा अध्ययन करने बैठें तो शाहिद बलवा को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और शाहिद बलवा की स्मरण शक्ति भी शाहिद बलवा की मदद करे। यदि शाहिद बलवा मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, शाहिद बलवा अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
शाहिद बलवा अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अन्तर्मुखी हैं। यदि शाहिद बलवा को बहुत से लोगों के समूह के सम्मुख जाना पड़े, तो शाहिद बलवा ‘स्टेज फोबिया’ से ग्रसित हो जाते हैं। शाहिद बलवा सबसे अधिक प्रेरित एकान्त में, इच्छानुसार कार्य अपनी गति से करने में होते हैं।