श्रीसंत
Feb 6, 1983
12:00:00
Kothamangalam
76 E 37
10 N 3
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Sreesanth एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Sreesanth की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Sreesanth अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Sreesanth में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Sreesanth जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Sreesanth संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Sreesanth को पता लगे कि Sreesanth का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Sreesanth तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Sreesanth के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Sreesanth के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Sreesanth के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Sreesanth सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Sreesanth अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Sreesanth को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Sreesanth को यह मानकर चलना चाहिए कि Sreesanth को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Sreesanth वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Sreesanth सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Sreesanth के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Sreesanth को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Sreesanth को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Sreesanth वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Sreesanth से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Sreesanth की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Sreesanth को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Sreesanth की सहायता करती है। Sreesanth के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Sreesanth लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Sreesanth स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Sreesanth की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Sreesanth का ज्ञान और Sreesanth की शिक्षा। चाहे Sreesanth अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Sreesanth की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Sreesanth को सबसे अलग रखेगी। Sreesanth को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Sreesanth अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Sreesanth के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Sreesanth को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Sreesanth की भूख Sreesanth को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Sreesanth की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Sreesanth अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Sreesanth की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Sreesanth अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Sreesanth को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Sreesanth उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Sreesanth का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Sreesanth के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।