श्रीसंत
Feb 6, 1983
12:00:00
Kothamangalam
76 E 37
10 N 3
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
श्रीसंत के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः श्रीसंत विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, श्रीसंत प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस श्रीसंत के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति श्रीसंत का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार श्रीसंत विवाह बन्धन में बंध गये, तो श्रीसंत इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
स्वास्थ्य के मामले में श्रीसंत भाग्यवान हैं। श्रीसंत बेहतरीन शारीरिक-संरचना के स्वामी हैं। स्वास्थ्य सदैव श्रीसंत का साथ देगा । परंतु सर्दी जुकाम जैसी छोटी-छोटी परेशानियां कर सकती हैं । जैसे-जैसे आयु में वृद्धि होगी वैसे वैसे श्रीसंत अपने को हिस्ट -पुष्ट व ताकतवर समझेंगे । तनाव से बचें। बिना डॉक्टरी परामर्श दवाओं का श्रीसंत के ऊपर खासा खराब प्रभाव हो सकता है । श्रीसंत को दीर्घायु व उपयोगी जीवन की प्राप्ति होगी।
‘आउटडोर‘ श्रीसंत के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और श्रीसंत इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि श्रीसंत उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। श्रीसंत खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि श्रीसंत को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि श्रीसंत तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। श्रीसंत पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा श्रीसंत ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।