दयानंद सरस्वती
Feb 28, 1825
13:30:00
Kathiawar
71 E 0
22 N 20
5.5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
दयानंद सरस्वती कार्यालय की राजनीति से दूर रहना पसन्द करते हैं और पद के लिये लड़ना दयानंद सरस्वती को पसन्द नहीं है। ऐसी स्थितियां ढूंढें जहां दयानंद सरस्वती अकेले एवं अपनी पसन्द का कार्य अपनी गति से कर सकें। जैसे लेखन, चित्रकारी और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग इत्यादि।
दयानंद सरस्वती का मानवीय स्वभाव और दूसरों के दुःख-दर्द दूर करने की इच्छा के कारण चिकित्सा कार्यक्षेत्र या ‘नर्सिंग‘ (यदि दयानंद सरस्वती स्त्री हैं) दयानंद सरस्वती के लिये उपयुक्त है। इन दोनों में ही दयानंद सरस्वती अपनी आकांक्षा को प्राप्त कर पाएंगे और संसार में निश्चय ही अच्छा एवं उपयोगी कार्य कर पाएंगे। यदि दयानंद सरस्वती ये कार्यक्षेत्र नहीं भी अपना पाते हैं, तो भी दयानंद सरस्वती के मिजाज के अनुरूप अन्य कई सम्भावनाएं हैं। एक शिक्षक के तौर पर दयानंद सरस्वती बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। एक प्रबन्धक के तौर पर दयानंद सरस्वती अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से कर पाएंगे औैर दयानंद सरस्वती के सहकर्मी दयानंद सरस्वती के आदेशानुसार कार्य करेंगे,क्योंकि वे जानते हैं कि दयानंद सरस्वती एक अच्छे मित्र हैं। इसके अलावा भी दयानंद सरस्वती विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं, मुख्यतः साहित्यिक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति, जिसका मिश्रण दयानंद सरस्वती को एक बेहतर लेखक बनाता है। दयानंद सरस्वती टीवी और फिल्म के लिये एक बेहतर अभिनेता भी हो सकते हैं। यदि दयानंद सरस्वती इस तरह के कार्य क्षेत्रों का चुनाव करते हैं, तो दयानंद सरस्वती अपने धन व समय को सामाजिक कार्यों में भी लगाएंगे।
दयानंद सरस्वती वित्त मामलों में भाग्यशाली हैं व दयानंद सरस्वती को जीवन में पर्याप्त धन प्राप्त होगा। दयानंद सरस्वती को सट्टेबाजी से सावधान रहना चाहिये, ठोस निकायों में ही निवेश करना चाहिये व व्यापार या उद्योग लगाना चाहिये। दयानंद सरस्वती आर्थिक मामलों मे अपेक्षाकृत अधिक भाग्यशाली हैं, दयानंद सरस्वती को पर्याप्त धन व अवसरों की प्राप्ति होगी। यदि दयानंद सरस्वती को व्यापार करना पड़े तो दयानंद सरस्वती को जीवन के वैभवशाली पक्ष से ज्यादा प्राप्ति होगी उदाहरणार्थ गृह सज्जा, भोजन, भव्य परिधान, फूल सम्बन्धी कार्य, रेस्टारैन्ट व होटल आदि। दयानंद सरस्वती का दिमाग एक अलग श्रेणी का गतिशील है, बहु-आयामी है, अतः दयानंद सरस्वती रोजमर्रा के कार्य से जल्दि ही थक जाते हैं।