दीबाकर बनर्जी
Jun 21, 1969
12:0:0
Delhi
77 E 13
28 N 39
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक दीबाकर बनर्जी जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। दीबाकर बनर्जी प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि दीबाकर बनर्जी ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो दीबाकर बनर्जी अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, दीबाकर बनर्जी उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
सबसे ऊपर दीबाकर बनर्जी अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। दीबाकर बनर्जी इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, दीबाकर बनर्जी की प्रकृति इस प्रकार है कि दीबाकर बनर्जी के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर दीबाकर बनर्जी के लिये खराब है व जल्दबाजी दीबाकर बनर्जी के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः दीबाकर बनर्जी शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। दीबाकर बनर्जी को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। दीबाकर बनर्जी को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
दीबाकर बनर्जी के कई शौक हैं और दीबाकर बनर्जी इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही दीबाकर बनर्जी धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर दीबाकर बनर्जी कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। दीबाकर बनर्जी जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः दीबाकर बनर्जी की अभिरुचियां दीबाकर बनर्जी को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही दीबाकर बनर्जी को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।