पी बी श्रीनिवास
Sep 22, 1930
12:00:00
Kakinada
82 E 20
16 N 59
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
पी बी श्रीनिवास के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः पी बी श्रीनिवास विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, पी बी श्रीनिवास प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस पी बी श्रीनिवास के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति पी बी श्रीनिवास का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार पी बी श्रीनिवास विवाह बन्धन में बंध गये, तो पी बी श्रीनिवास इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
पी बी श्रीनिवास की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन पी बी श्रीनिवास स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण पी बी श्रीनिवास की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। पी बी श्रीनिवास अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, पी बी श्रीनिवास जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें पी बी श्रीनिवास की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो पी बी श्रीनिवास खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
‘आउटडोर‘ पी बी श्रीनिवास के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और पी बी श्रीनिवास इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि पी बी श्रीनिवास उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। पी बी श्रीनिवास खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि पी बी श्रीनिवास को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि पी बी श्रीनिवास तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। पी बी श्रीनिवास पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा पी बी श्रीनिवास ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।