पद्मिनी
Dec 14, 1932
17:45:00
Trivandrum
76 E 57
8 N 30
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
पद्मिनी प्रेम को बड़ी गम्भीरता से लेते हैं। वस्तुतः, पद्मिनी से पाने का प्रयास इस तरह करते हैं, कि पद्मिनी का प्रिय उससे भयभीत हो सकता है। एकबार प्रेम की निर्बाध धारा प्रवाहित होना प्रारम्भ हो जाए, पद्मिनी दर्शाते हैं कि पद्मिनी का लगाव गहरा व वास्तविक है। पद्मिनी एक सहानुभूतिपूर्ण जीवनसाथी हैं और जिससे पद्मिनी विवाह करेंगे, वह पद्मिनी का अखण्ड प्रेम प्राप्त करेगा। हांलाकि पद्मिनी उससे यह उम्मीद करते हैं कि वह पद्मिनी की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुने, परन्तु पद्मिनी के अन्दर दूसरों की बात को ध्यान से सुनने का धैर्य नहीं है।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि पद्मिनी हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि पद्मिनी दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि पद्मिनी अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
पद्मिनी के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक पद्मिनी को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। पद्मिनी को सदैव यह लगता है कि भविष्य में पद्मिनी को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। पद्मिनी जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। पद्मिनी के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। पद्मिनी के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि पद्मिनी के अन्दर क्षमता नहीं है,तो पद्मिनी उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।