पेंड्यला हरिकृष्ण
May 10, 1986
12:00:00
Guntur
80 E 27
16 N 20
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
पेंड्यला हरिकृष्ण को प्रतिस्पर्धा और जोखिम भरे काम पसन्द हैं,अतः पेंड्यला हरिकृष्ण अपना कार्यक्षेत्र शीघ्र परिवर्तित करते हैं। पेंड्यला हरिकृष्ण को ऐसा कार्य चुनना चाहिए,जिसमें अनेक आयाम हों और आगे बढ़ने के अवसर हों ताकि पेंड्यला हरिकृष्ण समय-समय पर परिवर्तन से बचें। अतः पेंड्यला हरिकृष्ण को जल्दी-जल्दी कार्यक्षेत्र परिवर्तित नहीं करना चाहिए।
पेंड्यला हरिकृष्ण के पास अद्भुत स्मरण शक्ति, बेहतर स्वास्थ्य एवंपेंड्यला हरिकृष्ण के चरित्र में एक विशेष आकर्षण है। यह निश्चित तौर पर इंगित करता है कि पेंड्यला हरिकृष्ण नेतृत्व करने के लिये ही पैदा हुए हैं। चाहे पेंड्यला हरिकृष्ण का कार्यक्षेत्र कोई भी क्यों न हो, पेंड्यला हरिकृष्ण उसमें बेहतर करेंगे। परन्तु जब पेंड्यला हरिकृष्ण छोटे पद से वरिष्ठ पद की ओर बढेंगे तथा यदि पदोन्नति मन्द होगी, तो पेंड्यला हरिकृष्ण निराश हो जाएंगे और कुछ गलत बोलकर पेंड्यला हरिकृष्ण अपने हाथ आए हुए अवसर को खो देंगे। एक बार पेंड्यला हरिकृष्ण वरिष्ठ पद पर पहुँच गये, पेंड्यला हरिकृष्ण दृढ़ता से स्वयं को स्थापित कर पाएंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि पेंड्यला हरिकृष्ण उच्च पद पर अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करेंगे। निश्चय ही, हमारी यह सलाह है कि आरम्भिक समय में पेंड्यला हरिकृष्ण आगे बढ़ने के प्रति सचेत रहें।
वित्त का प्रश्न पेंड्यला हरिकृष्ण के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। पेंड्यला हरिकृष्ण के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन पेंड्यला हरिकृष्ण अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। पेंड्यला हरिकृष्ण कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। पेंड्यला हरिकृष्ण को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में पेंड्यला हरिकृष्ण के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। पेंड्यला हरिकृष्ण के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। पेंड्यला हरिकृष्ण असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, पेंड्यला हरिकृष्ण एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में पेंड्यला हरिकृष्ण भाग्यशाली होंगे। पेंड्यला हरिकृष्ण के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार पेंड्यला हरिकृष्ण अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।