पेंड्यला हरिकृष्ण
May 10, 1986
12:00:00
Guntur
80 E 27
16 N 20
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
पेंड्यला हरिकृष्ण के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः पेंड्यला हरिकृष्ण विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, पेंड्यला हरिकृष्ण प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस पेंड्यला हरिकृष्ण के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति पेंड्यला हरिकृष्ण का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार पेंड्यला हरिकृष्ण विवाह बन्धन में बंध गये, तो पेंड्यला हरिकृष्ण इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
जबकि पेंड्यला हरिकृष्ण हृष्ट-पुष्ट नहीं हैं, कुछ ऐसे कारण हैं, जो पेंड्यला हरिकृष्ण को अपने स्वास्थ्य के प्रति सोचने के लिये बाध्य करते हैं। पेंड्यला हरिकृष्ण की मुख्य बीमारी वास्तविक के स्थान पर काल्पनिक होगी, तथापि यह पेंड्यला हरिकृष्ण के लिये अनावश्यक उत्तेजना का कारण बनेगी। पेंड्यला हरिकृष्ण अपने अन्दर बार-बार झांकते हैं व आश्चर्य करते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, जबकि वास्तविकता में दुबारा भी सोचने वाली कोई बात नहीं होती है। पेंड्यला हरिकृष्ण चिकित्सा सम्बन्धी पुस्तकें पढ़ते हैं और स्वतः ही खतरनाक बीमारी के लक्षण इजाद कर लेते हैं। पेंड्यला हरिकृष्ण क कभी-कभी गले की समस्या से पीडि़त हो सकते हैं। चिकित्सक द्वारा बताई गईं दवाओं के अतिरिक्त अन्य प्रकार की दवाओं का सेवन न करें। हमारी पेंड्यला हरिकृष्ण को सलाह है कि नैसर्गिक जीवन जिएं, पर्याप्त नींद लें, पर्याप्त व्यायाम करें तथा विचारपूर्वक भोजन करें।
पेंड्यला हरिकृष्ण मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला पेंड्यला हरिकृष्ण के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। पेंड्यला हरिकृष्ण अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। पेंड्यला हरिकृष्ण पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। पेंड्यला हरिकृष्ण का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।