प्रणव मुखर्जी
Feb 1, 1935
17:52:20
Calcutta
88 E 20
22 N 30
5.5
Others|http://www.journalofastrology.com/article.php?article_id=423
प्रणव मुखर्जी को प्रतिस्पर्धा और जोखिम भरे काम पसन्द हैं,अतः प्रणव मुखर्जी अपना कार्यक्षेत्र शीघ्र परिवर्तित करते हैं। प्रणव मुखर्जी को ऐसा कार्य चुनना चाहिए,जिसमें अनेक आयाम हों और आगे बढ़ने के अवसर हों ताकि प्रणव मुखर्जी समय-समय पर परिवर्तन से बचें। अतः प्रणव मुखर्जी को जल्दी-जल्दी कार्यक्षेत्र परिवर्तित नहीं करना चाहिए।
प्रणव मुखर्जी की ऊर्जा एवं शक्ति प्रणव मुखर्जी के व्यक्तित्व का एक विशेष गुण है। जब अन्य लोग सोच रहे होते है तब प्रणव मुखर्जी कर रहे होते हैं और ‘जो पहले आवे सो पावे‘। प्रणव मुखर्जी को ऐसे सभी कार्यक्षेत्रों को भूल जान चाहिये जहां सूट-बूट एवं दिखावे का बोलबाला हो। प्रणव मुखर्जी ऐसी वाह्य गुणों से परे कहीं अधिक व्यावहारिक हैं। यहां तक कि वे प्रणव मुखर्जी को व्यग्र कर देती हैं। प्रणव मुखर्जी जमीन से जुड़े एक कार्यशील व्यक्ति हैं जो सबकुछ करने के लिये सदैव तत्पर रहता है। प्रणव मुखर्जी सच्चे जीवन और फिल्मी पर्दे दोनों में एक अन्वेषक की भूमिका बखूबी कर सकते हैं। प्रणव मुखर्जी एक ‘सर्जन‘ की तरह बेहतर कार्य कर सकते हैं बजाय कि एक वित्तीय सलाहकार के। ऐसा कोई भी कार्य जहां कुछ बनाने की कला कि आवश्यकता होती है प्रणव मुखर्जी वहां सफल हो सकते हैं। इंजीनियरिंग इस प्रकार का एक कार्यक्षेत्र कहा जा सकता है। समुद्र सम्बन्धी ऐसे कई कार्य हैं जो प्रणव मुखर्जी के लिये पूर्णतः उपयुक्त हैं। प्रणव मुखर्जी के अन्दर एक वायुयान-चालक सरीखा साहस है। जमीन से जुड़ी हुई प्रणव मुखर्जी की ऊर्जा के अनुरूप भी कई कार्यक्षेत्र हैं। प्रणव मुखर्जी सिर्फ एक बेहतरीन किसान ही नहीं हो सकते बल्कि प्रणव मुखर्जी एक बेहतर सर्वेक्षक, खदान इंजीनियर या खदान-अन्वेषक भी हो सकते हैं।
वित्त से जुड़े हुए मामलों में प्रणव मुखर्जी को होशियार वसचेत रहना चाहिये और छोटी सी बातों की वजह से प्रणव मुखर्जी को कंजूस का दर्जा मिल सकता है। प्रणव मुखर्जी भविष्य के प्रति जरूरत से ज्यादा ही चिंतित रहते हैं और इस कारण प्रणव मुखर्जी भविष्य के लिये अभी से व्यवस्था करना चाहते हैं। यदि प्रणव मुखर्जी व्यापारी वर्ग से हैं, प्रणव मुखर्जी संभवतः प्रणव मुखर्जी कार्यशील जीवन से समय से पहले ही सन्यास लेंगे। प्रणव मुखर्जी का शेयर्स की तरफ विशेष रुझान होगा। प्रणव मुखर्जी के इन प्रकार के कार्य में सफल होने की संभावना है यदि प्रणव मुखर्जी अपने अन्दर की आवाज के अनुसार कार्य करें। यदि प्रणव मुखर्जी दूसरों की सलाह या अफवाहों पर आश्रित होंगे तो यह प्रणव मुखर्जी के लिये घातक साबित होगा।