किसी बदनामी देने वाले काण्ड में फंसने के कारण प्रणव मुखर्जी की प्रतिष्ठा पर आंच आयेगी। स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह कोई अच्छा समय नहीं है। अचानक धन प्रात की संभावना है। लेकिन साथ ही साथ खर्चे भी बढेंगे। गुप्त और निगूढ सुखों को भोगने वाली प्रवृति पर अंकुश लगाये नहीं तो बड़ी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। वैसे परिवारजनों का सहयोग पूरा रहेगा। यद्यपि कभी कभी मतभेद भी रह सकता है। जहां तक संभव हो यात्राएं न करें।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 1947 से July 27, 1953 तक
यह एक कठिन काल सिद्ध होगा। कड़ी मेहनत का अच्छा फल नहीं मिलेगा। व्यवसायिक या व्यापार के साथी नुकसान करेंगे और प्रणव मुखर्जी के लिये समस्यायें पैदा कर देंगे। घरेलु झंझटों में अपने मिजाज पर काबू रखें अन्यथा अप्रीतिकर स्थितियां झेलनी पड़ सकतीं हैं। प्रणव मुखर्जी भी मानसिक रूप से तनावग्रस्त और बीमार रह सकते हैं।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 1953 से July 27, 1963 तक
इस अवधि में किये उद्यमों में सफलता नहीं मिलेगी। शत्रु प्रणव मुखर्जी की छवि बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे। नौकरी के हालात भी बदतर होते जायेंगे। स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें भी मानसिक शांति भंग करेगी। जल्दबाजी या हड़बड़ी से काम करने की प्रवृति पर नियंत्रण रखें। परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के कारण चिंतित रह सकते हैं।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 1963 से July 27, 1970 तक
इस अवधि के दौरान प्रणव मुखर्जी की वृती साहसी रहेगी। यात्राएं सफलदायक रहेंगी। संचार माध्यमों के शुभ समाचार प्राप्त करेंगे। प्रणव मुखर्जी के रिश्तेदार, खास तौर पर भाई इस अवधि के दौरान खुशहाल रहेंगे। पार्थिव वस्तुओं की प्राप्ति भी संभव है। विरोधी प्रणव मुखर्जी का सामना भी नहीं कर पायेंगे। प्रयत्नों में सफलता सुनिश्चित रहेगी।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 1970 से July 27, 1988 तक
इस अवधि में प्रणव मुखर्जी के लाख चाहने के बावजूद भागीदारों और सहयोगियों से प्रणव मुखर्जी के संबंध मधुर नहीं रह पायेंगे। नित्य चर्चा में भी व्यवधान उपस्थित होंगे। पारिवारिक सदस्यों का वर्ताव अच्छा नहीं रहेगा। प्रणव मुखर्जी के मुकदमाबाजी और कानूनी पचड़ों में फंसने की पूरी संभावना है। झूठी आशाओं पर निर्भर न रहें क्योंकि प्रणव मुखर्जी के मित्रगण जरूरी अवसर पर प्रणव मुखर्जी को नीचा दिखायेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फूड पाइजनिंग का खतरा हो सकता है। जहां तक संभव हो, यात्राओं से बचें।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 1988 से July 27, 2004 तक
इस अवधि में जीवन व्यापन सुविधा सम्पन्न रहेगा। पारिवारिक सुख प्राप्त करेंगे। सम्पती पर धन व्यय होगा। घर की वस्तुओं चल अचल सम्पती आदि पर व्यय होगा तथा व्यापार/व्यवसाय के विकास पर भी धन व्यय करेंगे। अचानक व अयाचित लाभ प्राप्त करेंगे। बड़ें अफसरों और शक्तिवान व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। प्रणव मुखर्जी की ख्याति और सम्मान में इजाफा होगा। व्यापार में बदलाव या नौकरी की पदोन्नति की संभावना है। धर्म के प्रति प्रणव मुखर्जी का झुकाव रहेगा और पवित्र स्थलों की यात्रा करेंगे। इस पूरी अवधि में दिमाग सान्कूल रहेगा और सुख भोगेंगे।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 2004 से July 27, 2023 तक
कोई महत्वपूर्ण चीज खोने का खतरा बना रहेगा। वरिष्ठ जनों या सत्ताधारी अफसरों से प्रणव मुखर्जी के संबंध बिगड़ सकते हैं। लेन देन के व्यापार में हानि होने की भी संभावना है। प्रणव मुखर्जी के मित्र या सहयोगी अपना वचन नहीं निभाएंगें। परिवारजनों के व्यवहार में भी फर्क आ जाएगा। मानसिक वेदना की स्थिति प्रणव मुखर्जी के व्यवहार से परिलक्षित होती रहेगी। वैसे इस अवधि में गूढ मान या परामनोविाान आदि क्षेत्रों से कुछ मदद मिल सकती है। अच्छा यही होगा कि अपनी योग्यता और प्रतिभा पर ही निर्भर करें। अगर वसीयत प्राप्ति के इच्छुक है तो वह अचानक प्राप्त होकर प्रणव मुखर्जी को चमत्कृत कर देगी। किसी की मौत की बुरी खबर मिल सकती है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 2023 से July 27, 2040 तक
प्रयत्नों के बावजूद असफलता प्रणव मुखर्जी को निराश करेगी। प्रणव मुखर्जी को बहुत मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि काम का बोझ बहुत रहेगा। छोटी छोटी बातों को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। बेकार के व अमहत्वपूर्ण कामों में प्रणव मुखर्जी अपनी शक्ति और समय व्यय करेंगे। जल्दी धन कमाने की अपनी प्रवृति पर अंकुश लगायें। स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण कुछ काम प्रणव मुखर्जी नहीं कर पायेंगे। पारिवारिक जीवन में तनावग्रस्त रहेंगे। वैसे इस अवधि में गूढ़ एवं परामनोवैाानिक अनुभव प्रणव मुखर्जी को प्राप्त होंगे। बेकार की यात्राओं से बचें।
प्रणव मुखर्जी का फलादेश July 27, 2040 से July 27, 2047 तक
इस अवधि में व्यवहारिक रहने का प्रयत्न करें। वस्तुतः इस दौरान प्रणव मुखर्जी की व्यर्थ के कामों में फंसे रहने की चेष्टा रहेगी। इन सब बातों के कारण प्रणव मुखर्जी व्यर्थ में ही परेशान रहेंगे। अधिक आत्मविश्वास प्रणव मुखर्जी को प्रणव मुखर्जी दग्रस्त कर सकता है। पैसा खोने का भी खतरा है। अपनी प्रतिष्ठा के प्रति सचेत रहें और अपनी समस्याओं के समाधान के लिये परिवार के सहारे/मदद पर अधिक निर्भर न रहें। मित्र व हितैषी अपना वचन नहीं निभायेंगे। यात्रा से जितना बचें उतना अच्छा है। विरोधी प्रबल रहेंगे। स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा इसलिये उसका ध्यान रखें।