प्रेम
Oct 21, 1978
12:0:0
Mandya
76 E 55
12 N 34
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
प्रेम के अन्दर विषय की गहराइयों को समझने की क्षमता है और प्रेम को उसी दिशा में कार्यक्षेत्र का चयन करना चाहिये। ये प्रोजेक्ट अपने प्रेम में पूर्ण होने चाहिये और उसे खत्म करने की कोई समय-सीमा या दवाब नहीें होनी चाहिये। उदाहरणार्थ, यदि प्रेम ‘इंटीरियर डीजाइन‘ को अपना कार्यक्षेत्र बनाते हैं, तो प्रेम के उपभोक्ताओं के पास प्रचुर धन होना चाहिये ताकि प्रेम अपना कार्य उत्तम तरीके से कर सकें।
प्रेम जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो प्रेम बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः प्रेम को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। प्रेम को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें प्रेम को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि प्रेम स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र प्रेम को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें प्रेम को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो प्रेम के अनुकूल भी है। प्रेम के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि प्रेम को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय प्रेम नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
वित्त का प्रश्न प्रेम के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। प्रेम के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन प्रेम अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। प्रेम कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। प्रेम को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में प्रेम के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। प्रेम के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। प्रेम असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, प्रेम एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में प्रेम भाग्यशाली होंगे। प्रेम के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार प्रेम अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।