प्रेम
Oct 21, 1978
12:0:0
Mandya
76 E 55
12 N 34
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
प्रेम के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः प्रेम विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, प्रेम प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस प्रेम के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति प्रेम का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार प्रेम विवाह बन्धन में बंध गये, तो प्रेम इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
स्वास्थ्य के मामले में प्रेम भाग्यवान हैं। प्रेम बेहतरीन शारीरिक-संरचना के स्वामी हैं। स्वास्थ्य सदैव प्रेम का साथ देगा । परंतु सर्दी जुकाम जैसी छोटी-छोटी परेशानियां कर सकती हैं । जैसे-जैसे आयु में वृद्धि होगी वैसे वैसे प्रेम अपने को हिस्ट -पुष्ट व ताकतवर समझेंगे । तनाव से बचें। बिना डॉक्टरी परामर्श दवाओं का प्रेम के ऊपर खासा खराब प्रभाव हो सकता है । प्रेम को दीर्घायु व उपयोगी जीवन की प्राप्ति होगी।
पठन, चित्रकारी, नाटक और इसी तरह के समय बिताने के वेतरीके, जिसमें कलात्मक व साहित्यिक सोच की आवश्यकता हो; प्रेम के दिमाग में घरकरेंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि प्रेम के अन्दर आध्यात्मिकता या पराविद्याके प्रति रुचि जागृत हो। यात्रा से जुड़ी सभी वस्तुएं प्रेम को आकर्षित करतीहैं, चाहे वह ज़मीन हो, समुद्र या हवा हो। क्रिकेट एवं फुटबाॅल जैसे खेलों के लिये प्रेम के पास बहुत कम समय होगा। यद्यपि, प्रेम के पास टेबिल-टेनिस, कैरम,बैडमिण्टन जैसे ‘इन्डोर‘ खेलों में प्रेम की अभिरुचि होगी।