रजत कपूर
Feb 11, 1961
12:00:00
New Delhi
77 E 12
28 N 36
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
रजत कपूर के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः रजत कपूर विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, रजत कपूर प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस रजत कपूर के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति रजत कपूर का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार रजत कपूर विवाह बन्धन में बंध गये, तो रजत कपूर इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
रजत कपूर के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, रजत कपूर स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर रजत कपूर जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र रजत कपूर के शरीर का ऐसा भाग है, जो रजत कपूर को सर्वाधिक परेशानी देगा। रजत कपूर को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। रजत कपूर को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी रजत कपूर को यह सलाह है कि रजत कपूर पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। रजत कपूर की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण रजत कपूर जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगररजत कपूर युवा-मण्डली में रहते हैं, तो रजत कपूर कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
रजत कपूर मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला रजत कपूर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। रजत कपूर अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। रजत कपूर पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। रजत कपूर का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।