संपूर्णानंद
Jan 1, 1890
14:00:00
Varanasi
83 E 0
25 N 20
5.5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
संपूर्णानंद को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जिसमें संपूर्णानंद समूह में काम करते हों और जहाँ कार्य सम्पन्न करने की समय-सीमा अनिश्चित हो।संपूर्णानंद को कोई ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए, जहाँ सहभागिता से काम होता हो,उदाहरणार्थ समूह का नेतृत्व करना आदि।
संपूर्णानंद ज्यादा कार्य करने के लिये उपयुक्त नहीं हैं, न ही संपूर्णानंद अत्यधिक उत्तरदायित्व वहन कर सकते हैं। हांलाकि संपूर्णानंद को काम करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उसमें अत्यधिक उत्तरदायित्व नहीं होना चाहिए। संपूर्णानंद किसी भी तरह के कार्य को अपने हाथ में लेने के लिये सदैव तैयार रहते हैं, पर संपूर्णानंद का स्वच्छ व व्यवस्थित कार्यों की तरफ विशेष रूझान है। साथ ही, शायद संपूर्णानंद ने यह ध्यान दिया होगा कि ऐसा कोई भी कार्य जिसके द्वारा संपूर्णानंद प्रकाश में आते हैं,वह अपेक्षाकृत संपूर्णानंद को ज्यादा आकर्षित करता है, बजाय कि ऐसा कोई कार्य जो शान्ति में अकेले किया जाए। निश्चित तौर पर संपूर्णानंद का स्वभाव शान्त वातावरण को सहन नहीं कर पाता है, बल्कि यह सदैव प्रकाशमान एवं प्रसन्नचित्त वातावरण को तलाशता रहता है।
वित्त का प्रश्न संपूर्णानंद के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। संपूर्णानंद के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन संपूर्णानंद अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। संपूर्णानंद कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। संपूर्णानंद को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में संपूर्णानंद के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। संपूर्णानंद के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। संपूर्णानंद असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, संपूर्णानंद एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में संपूर्णानंद भाग्यशाली होंगे। संपूर्णानंद के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार संपूर्णानंद अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।