शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
Sep 02, 1924
05:00:0
Seoni
77 E 6
31 N 14
5.5
Internet
संदर्भ (स.)
क्योंकि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती धैर्यवान हैं और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक स्थिर कार्य चाहते हैं, इसलिये शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को बैंकिंग,सरकारी सेवा, बीमा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भाग्य आजमाइश करनी चाहिए जहां पर परिवर्तन धीरे-धीरे एवं सुनिश्चित तौर पर होता हो। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इस प्रकार के कार्य में न सिर्फ लम्बी दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करेंगे बल्कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को उसके भीतर देखने का धैर्य और साहस भी है।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अन्दर विचारों को शब्दों में व्यक्त करने की क्षमता है, अतः शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक पत्रकार, शिक्षक या भ्रमणशील सेल्समैन के रूप में जाने जाएंगे। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती कुछ कहने से कभी नुकसान में नहीं रहेंगे। यह गुण शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को अध्यापन में भी बेहतर बनाता है। लेकिन जब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का मन व्यग्र होता है, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का प्रदर्शन बहुतही खराब होता है। ऐसा कोई भी कार्य जिसमें तीव्र सोच की आवश्यकता होती है,शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती उसमें सफल होंगे। परन्तु यह एकसा कार्य नहीं होना चाहिए, अन्यथा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को गम्भीर असफलता का सामना करना पड़ेगा। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को परिवर्तन और विविधता पसन्द है, अतःकोई भी कार्य जिसमें शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को देश-विदेश का भ्रमण करना पड़े, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के लिये उपयुक्त है। अपने लिये किया गया काम शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के लिये बेहतर होगा, बजाय कि दूसरे के लिये। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती स्वेच्छा से आना-जाना पसन्द करते हैं, अतः शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को अपना स्वयं का कार्य करना चाहिए।
वित्त से जुड़े हुए मामलों में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को होशियार वसचेत रहना चाहिये और छोटी सी बातों की वजह से शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को कंजूस का दर्जा मिल सकता है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भविष्य के प्रति जरूरत से ज्यादा ही चिंतित रहते हैं और इस कारण शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भविष्य के लिये अभी से व्यवस्था करना चाहते हैं। यदि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती व्यापारी वर्ग से हैं, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती संभवतः शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती कार्यशील जीवन से समय से पहले ही सन्यास लेंगे। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का शेयर्स की तरफ विशेष रुझान होगा। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के इन प्रकार के कार्य में सफल होने की संभावना है यदि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती अपने अन्दर की आवाज के अनुसार कार्य करें। यदि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती दूसरों की सलाह या अफवाहों पर आश्रित होंगे तो यह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के लिये घातक साबित होगा।