शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
Sep 02, 1924
05:00:0
Seoni
77 E 6
31 N 14
5.5
Internet
संदर्भ (स.)
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का स्वाभाव ऐसा है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती प्रेम और मित्रता के बगैर रह नहीं सकते हैं। अतः शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का विवाह जल्दी हो जाएगा यद्यपि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के विवाह से पहले एकाधिक प्रेम होंगे। परन्तु विवाहोपरान्त शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती एक बहुत अच्छे जीवनसाथी साबित होंगे। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती स्वाभाव से अत्यधिक ‘रोमान्टिक‘ हैं। यह शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की प्रेम इच्छा को और अधिक गहराई देगा, और शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती आघ्यात्मिक होकर प्रेम की नई परिभाषा खोजेंगे।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
पठन, चित्रकारी, नाटक और इसी तरह के समय बिताने के वेतरीके, जिसमें कलात्मक व साहित्यिक सोच की आवश्यकता हो; शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के दिमाग में घरकरेंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अन्दर आध्यात्मिकता या पराविद्याके प्रति रुचि जागृत हो। यात्रा से जुड़ी सभी वस्तुएं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को आकर्षित करतीहैं, चाहे वह ज़मीन हो, समुद्र या हवा हो। क्रिकेट एवं फुटबाॅल जैसे खेलों के लिये शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के पास बहुत कम समय होगा। यद्यपि, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के पास टेबिल-टेनिस, कैरम,बैडमिण्टन जैसे ‘इन्डोर‘ खेलों में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अभिरुचि होगी।