यह अच्छा समय नहीं है क्योंकि श्रीसंत के भागीदार या सहयोगी श्रीसंत को नीचा दिखाएगें। औरों की लापरवाही और असफलताओं से श्रीसंत चिन्तित रहेंगे। रोजमर्रा के कामों में भी समस्याएं खड़ी हो सकती है। बेबुनियाद इल्जाम श्रीसंत के सर मंढे जाएगें। छोटे मोटे झंझट या विवादों से बचें। स्त्री वर्ग से श्रीसंत के संबंध अच्छे नहीं रहेंगे। जहां तक संभव हो फालतू की यात्रा कम करें। व्यापार के बड़े बड़े निर्णय लेने या विकास की योजनाओं पर ध्यान देने के लिए यह आवश्यक है कि श्रीसंत पूरी जांच परख करके ही ऐसा करें।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 1992 से September 3, 2009 तक
प्रभावशाली वाणी होने के कारण लोगों से श्रीसंत अपनी बात मनवा लेते हैं। प्रसिद्ध व्यक्तियों के श्रीसंत सम्पर्क में आयेंगे। श्रीसंत की ख्याति और प्रतिष्ठा सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। अपनी बुद्धिमत्ता के कारण श्रीसंत प्रचुर लाभ पायेंगे। अपने व्यवसाय में श्रीसंत अच्छा काम करेंगे। यात्रा से निश्चित लाभ प्राप्त करेंगे।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2009 से September 3, 2016 तक
किसी संस्थान के प्रमुख व्यक्ति के श्रीसंत सम्पर्क में आयेंगे। औरों के प्रति जनकल्याण की भावना से काम करने की प्रवृति होगी। किसी नयी सृजनात्मक उपलब्धि के कारण श्रीसंत को मान्यता मिल सकती है। वैसे इस अवधि में श्रीसंत की प्रतिष्ठा बढेंगी और सम्मान में इजाफा होगा। श्रीसंत अति सम्मानीय व्यक्ति समझे जायेंगे। यात्रा का बहुत महत्व होगा। श्रीसंत की धर्म एवम् अध्यात्म की ओर झुकने की प्रवृति में भावनात्मक गहराई का समावेश होगा। पारिवारिक जीवन हर्षोल्लास से सम्पन्न रहेगा। परिवार में कोई मंगल कृत्य होगा। इस अवधि का पूरा लाभ उठाने का प्रयत्न करें।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2016 से September 3, 2036 तक
इस अवधि में श्रीसंत को हर प्रयास में सफलता मिलेगी। मित्र और सहयोगी श्रीसंत को पूरा सहयोग देंगे। बहु प्रतीक्षित अभिलाषाओं और इच्छाओं की सम्पूर्ति होगी। भाई बहिन भी अपने अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य करेंगे। यात्राओं से लाभ होगा। उच्च कोटि का पारिवारिक सुख प्राप्त करेंगे। परिवार में सदस्यों की बढोत्तरी होने की संभावना है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में मिलने वाले मित्रों और सहयोगियों से अच्छी पटेगी। खर्चे अधिक होंगे लेकिन आमदनी से पूर पड़ती रहेगी।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2036 से September 3, 2042 तक
इस अवधि में श्रीसंत बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त रहेंगे। व्यापार या नौकरी में सफलता प्राप्त करेंगे और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कृपाभाजन रहेंगे। यह समय श्रीसंत की कर्मठता का समय सिद्ध होगा। व्यापार के कारण सफलदायक यात्राएं करेंगे। सब लिहाज से यह समय काफी संतोषप्रद सिद्ध होगा। इस समय में श्रीसंत अपनी सारी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा जायेंगे।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2042 से September 3, 2052 तक
अपने प्रयत्नों में श्रीसंत को निराशा मिलेगी। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी रहेंगी। अपने श्रीसंत को किसी बड़े उद्यम से सम्ब्दीत न कीजिये। यह जोखिम लेने का समय नहीं है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य के बारे में चिन्तित रह सकते हैं। फालतु की यात्राओं से बचें।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2052 से September 3, 2059 तक
मित्रों और सहयोगियों से श्रीसंत को लाभ मिलेगा। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और लम्बी यात्राएं सफलदायक रहेंगी। आमदनी में काफी बढोत्तरी होना सुनिश्चित है। विलास सामग्री एवम् अन्य चीजों पर श्रीसंत व्यय करेंगे। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2059 से September 3, 2077 तक
अपनी उद्यम शक्ति और महती ऊर्जा के द्वारा श्रीसंत किसी भी काम को बहुत अच्छे तरीके से पूरा करने में सक्षम रहेंगे। श्रीसंत के उद्देश्य की दृढ़ता सराही जायेगी। अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण विपरीत परिस्थिति में भी श्रीसंत को मति भ्रम नहीं होगा और सही काम करेंगे। श्रीसंत का सामाजिक दायरा बढ़ेगा और श्रीसंत की प्रतिष्ठा में भी बढोत्तरी होगी। काफी भ्रमण करना पड़ेगा। भाई बहिनों से संबंध अच्छे रहेंगे। संचार माध्यम व्दारा श्रीसंत को उत्साहवर्धक समाचार मिलेगा। व्यापार और लेन देन के सौदों की बहुत अच्छे रहने की संभावना है। अगर नौकरी में हैं तो शीघ्र पदोन्नति होनी चाहिये।
श्रीसंत का फलादेश September 3, 2077 से September 3, 2093 तक
मानसिक चिन्ताओं के कारण तकलीफ होगी। शारीरिक रोग भी घेरे रह सकते हैं। दिमाग को शांति नहीं मिलेगी। परिवार जनों का बर्ताव भी फर्क रहेगा। लेकिन गूढ़ विाान और परामनोविाान में श्रीसंत की रूचि जागृत होगी। इन क्षेत्रों के कुछ अनुभव भी प्राप्त होंगे। अचानक धन लाभ होने की भी संभावना है। पूंजी निवेश का प्रयत्न न करें क्योंकि मन चाहा परिणाम प्राप्त नहीं होगा। मित्र व सहयोगी अपना वचन नहीं निभायेंगे। असुरक्षा की भावना सदैंव विद्यमान रहेगी।