सुभाष चंद्रा
Nov 30, 1950
12:0:0
Hissar
75 E 45
29 N 10
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
क्योंकि सुभाष चंद्रा सिक्के के दौनों पहलू देखना जानते हैं,विधि एवं कानून सुभाष चंद्रा के लिये सर्वोत्तम कार्यक्षेत्र हैं। सुभाष चंद्रा श्रमिक-मध्यस्थ की तरह या ऐसा कोई भी कार्यक्षेत्र जहां सुभाष चंद्रा के पास शान्ति एवं सद्भाव बनाये रखने का कार्य हो, बेहतर करेंगे। सुभाष चंद्रा उन कार्यक्षेत्रों से दूर रहें जहां सुभाष चंद्रा को तुरन्त एवं बारम्बार निर्णय लेना पड़ता हो क्योंकि ऐसा करने में सुभाष चंद्रा को कठनाई महसूस होगी।
सुभाष चंद्रा जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो सुभाष चंद्रा बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः सुभाष चंद्रा को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। सुभाष चंद्रा को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें सुभाष चंद्रा को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि सुभाष चंद्रा स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र सुभाष चंद्रा को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें सुभाष चंद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो सुभाष चंद्रा के अनुकूल भी है। सुभाष चंद्रा के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि सुभाष चंद्रा को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय सुभाष चंद्रा नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
सुभाष चंद्रा वित्त मामलों में भाग्यशाली हैं व सुभाष चंद्रा को जीवन में पर्याप्त धन प्राप्त होगा। सुभाष चंद्रा को सट्टेबाजी से सावधान रहना चाहिये, ठोस निकायों में ही निवेश करना चाहिये व व्यापार या उद्योग लगाना चाहिये। सुभाष चंद्रा आर्थिक मामलों मे अपेक्षाकृत अधिक भाग्यशाली हैं, सुभाष चंद्रा को पर्याप्त धन व अवसरों की प्राप्ति होगी। यदि सुभाष चंद्रा को व्यापार करना पड़े तो सुभाष चंद्रा को जीवन के वैभवशाली पक्ष से ज्यादा प्राप्ति होगी उदाहरणार्थ गृह सज्जा, भोजन, भव्य परिधान, फूल सम्बन्धी कार्य, रेस्टारैन्ट व होटल आदि। सुभाष चंद्रा का दिमाग एक अलग श्रेणी का गतिशील है, बहु-आयामी है, अतः सुभाष चंद्रा रोजमर्रा के कार्य से जल्दि ही थक जाते हैं।