विष्णु नारायण भटकखंड
Aug 10, 1860
7:53:40
Walkeshwar
72 E 50
18 N 57
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
विष्णु नारायण भटकखंड के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः विष्णु नारायण भटकखंड विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, विष्णु नारायण भटकखंड प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस विष्णु नारायण भटकखंड के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति विष्णु नारायण भटकखंड का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार विष्णु नारायण भटकखंड विवाह बन्धन में बंध गये, तो विष्णु नारायण भटकखंड इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
विष्णु नारायण भटकखंड के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। विष्णु नारायण भटकखंड हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः विष्णु नारायण भटकखंड किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि विष्णु नारायण भटकखंड जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि विष्णु नारायण भटकखंड मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, विष्णु नारायण भटकखंड को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। विष्णु नारायण भटकखंड को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा विष्णु नारायण भटकखंड जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। विष्णु नारायण भटकखंड थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि विष्णु नारायण भटकखंड ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि विष्णु नारायण भटकखंड उससे बच सकते थे। विष्णु नारायण भटकखंड के नेत्र विष्णु नारायण भटकखंड की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। विष्णु नारायण भटकखंड पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके विष्णु नारायण भटकखंड को आकर्षित करते हैं और वो विष्णु नारायण भटकखंड का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि विष्णु नारायण भटकखंड की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और विष्णु नारायण भटकखंड इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। विष्णु नारायण भटकखंड मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन विष्णु नारायण भटकखंड चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में विष्णु नारायण भटकखंड हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां विष्णु नारायण भटकखंड को आकर्षित करती हैं और विष्णु नारायण भटकखंड यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।