J. Jayalalithaa
Feb 24, 1948
12:00:00
Mysore
76 E 38
12 N 17
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
J. Jayalalithaa एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, J. Jayalalithaa की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। J. Jayalalithaa अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण J. Jayalalithaa में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण J. Jayalalithaa जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।J. Jayalalithaa संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि J. Jayalalithaa को पता लगे कि J. Jayalalithaa का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो J. Jayalalithaa तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।J. Jayalalithaa के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि J. Jayalalithaa के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। J. Jayalalithaa के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि J. Jayalalithaa सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु J. Jayalalithaa अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः J. Jayalalithaa को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। J. Jayalalithaa को यह मानकर चलना चाहिए कि J. Jayalalithaa को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।J. Jayalalithaa वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। J. Jayalalithaa सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। J. Jayalalithaa के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह J. Jayalalithaa को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन J. Jayalalithaa को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
J. Jayalalithaa को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और J. Jayalalithaa को अधिक की उम्मीद रहती है। J. Jayalalithaa के इतने परेशान रहने के कारण J. Jayalalithaa को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। J. Jayalalithaa बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में J. Jayalalithaa परेशानी महसूस करते हैं। यदि J. Jayalalithaa अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।J. Jayalalithaa एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना J. Jayalalithaa को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव J. Jayalalithaa की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण J. Jayalalithaa की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही J. Jayalalithaa शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। J. Jayalalithaa के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और J. Jayalalithaa की कल्पनाशीलता J. Jayalalithaa को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि J. Jayalalithaa को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब J. Jayalalithaa अध्ययन करने बैठें तो J. Jayalalithaa को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और J. Jayalalithaa की स्मरण शक्ति भी J. Jayalalithaa की मदद करे। यदि J. Jayalalithaa मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, J. Jayalalithaa अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
J. Jayalalithaa के माता-पिता J. Jayalalithaa के आध्यात्मिक गुरु की तरह कुछ विशेष लक्ष्य पाने के लिये J. Jayalalithaa को प्रभावित करते हैं। J. Jayalalithaa जो करना चाहते हैं उसको करने का प्रयास करें। J. Jayalalithaa अपने लिये प्रयास करें, न कि उनके लिये।