J. Jayalalithaa
Feb 24, 1948
12:00:00
Mysore
76 E 38
12 N 17
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
J. Jayalalithaa के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः J. Jayalalithaa विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, J. Jayalalithaa प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस J. Jayalalithaa के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति J. Jayalalithaa का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार J. Jayalalithaa विवाह बन्धन में बंध गये, तो J. Jayalalithaa इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि J. Jayalalithaa हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि J. Jayalalithaa दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि J. Jayalalithaa अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
J. Jayalalithaa की अभिरुचियां एवं समय काटने के साधन थकावट भरे हैं। क्रिकेट, फुटबाॅल और टेनिस आदि J. Jayalalithaa के पसन्द के खेल हैं। J. Jayalalithaa पूरे दिन कठोर परिश्रम करते हैं और शाम को टेनिस, गोल्फ, बैडमिण्टन जैसे खेल खेलते हैं। J. Jayalalithaa की एथलेटिक खेलों में भाग लेने में विशेष रुचि है। सम्भवतः J. Jayalalithaa ने खेलों में कई पुरुस्कार जीते होंगे। जहां तक कि खेलों का प्रश्न है,J. Jayalalithaa की जीवन-ऊर्जा आश्चर्यजनक है।