करण कुंद्रा
Oct 11, 1984
12:00:00
Jalandhar *
75 E 34
31 N 19
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
करण कुंद्रा एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, करण कुंद्रा की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। करण कुंद्रा अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण करण कुंद्रा में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण करण कुंद्रा जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।करण कुंद्रा संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि करण कुंद्रा को पता लगे कि करण कुंद्रा का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो करण कुंद्रा तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।करण कुंद्रा के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि करण कुंद्रा के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। करण कुंद्रा के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि करण कुंद्रा सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु करण कुंद्रा अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः करण कुंद्रा को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। करण कुंद्रा को यह मानकर चलना चाहिए कि करण कुंद्रा को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।करण कुंद्रा वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। करण कुंद्रा सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। करण कुंद्रा के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह करण कुंद्रा को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन करण कुंद्रा को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
करण कुंद्रा को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और करण कुंद्रा को अधिक की उम्मीद रहती है। करण कुंद्रा के इतने परेशान रहने के कारण करण कुंद्रा को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। करण कुंद्रा बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में करण कुंद्रा परेशानी महसूस करते हैं। यदि करण कुंद्रा अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।करण कुंद्रा एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना करण कुंद्रा को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव करण कुंद्रा की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण करण कुंद्रा की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही करण कुंद्रा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। करण कुंद्रा के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और करण कुंद्रा की कल्पनाशीलता करण कुंद्रा को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि करण कुंद्रा को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब करण कुंद्रा अध्ययन करने बैठें तो करण कुंद्रा को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और करण कुंद्रा की स्मरण शक्ति भी करण कुंद्रा की मदद करे। यदि करण कुंद्रा मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, करण कुंद्रा अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
बच्चे करण कुंद्रा को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में अत्यधिक प्रेरणा देते हैं। करण कुंद्रा को उनके प्रति कर्तव्य का अनुभव करना चाहिए। इस प्रेरणा का करण कुंद्रा को पूर्णतः प्रयोग करना चाहिए, लेकिन ये ध्यान रखें कि करण कुंद्रा वही कर रहे हैं जो करण कुंद्रा करना चाहते हैं तथा सिर्फ उन्हें अपने कर्तव्यों के कारण ही नहीं कर रहे हैं।