करण कुंद्रा
Oct 11, 1984
12:00:00
Jalandhar *
75 E 34
31 N 19
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
करण कुंद्रा के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः करण कुंद्रा विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, करण कुंद्रा प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस करण कुंद्रा के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति करण कुंद्रा का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार करण कुंद्रा विवाह बन्धन में बंध गये, तो करण कुंद्रा इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
करण कुंद्रा को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। करण कुंद्रा को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही करण कुंद्रा के लिये ठीक नहीं हैं। करण कुंद्रा सूर्य से बचें, विशेषतः यदि करण कुंद्रा को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण करण कुंद्रा के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में करण कुंद्रा को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह करण कुंद्रा के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि करण कुंद्रा समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय करण कुंद्रा अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण करण कुंद्रा की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही करण कुंद्रा अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
करण कुंद्रा अपने हाथों द्वारा कला को विलक्षण रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं। एक पुरूष के तौर पर, करण कुंद्रा घर के लिये सामान बना सकते हैं और बच्चों के खिलौनों को बेहतर बनाने में आनन्द महसूस करते हैं। करण कुंद्रा एक सिलाई-कढ़ाई करने वाले, चित्रकार आदि होंगे और बच्चों के कपड़े खरीदने से अधिक बनाना पसन्द करेंगे।